प्रकाश का परिमापिक सृजन | Parametric Generation of Light (हिंदी)

प्रकाश का पैरामीट्रिक जनरेशन 

इलेक्ट्रॉनिक्स में पैरामीट्रिक (परिमापिक) घटनाएँ व्यापक रूप से ज्ञात हैं। ये घटनाएँ उन परिपथों में घटित होती हैं जिनमें अरैखिक संधारित्र (nonlinear capacitors) होते हैं। समान प्रक्रियाएँ प्रकाशिकी (optics) में तब घटित होती हैं जब अरैखिक क्रिस्टलों को परिमापिक माध्यम (parametric media) के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को प्रकाश का परिमापिक सृजन (parametric generation of light) कहा जाता है और यह पूर्ववर्ती अनुभाग में वर्णित ऑप्टिकल मिक्सिंग पर आधारित होती है।

Parametric generation of light

मान लीजिए कि किसी परिमापिक माध्यम में ωₚ (पंप आवृत्ति) पर एक शक्तिशाली संकेत प्रविष्ट कराया जाता है और ωₛ (सिग्नल आवृत्ति) पर एक अल्प शक्ति का संकेत माध्यम के एक सिरे से प्रविष्ट किया जाता है। प्रारंभिक आवृत्तियों पर स्थित विद्युत क्षेत्रों को स्थिर परिमाप (fixed parameters) के रूप में माना जाता है। सिग्नल और पंप आवृत्तियों के "मिक्सिंग" से ωᵢ आवृत्ति पर एक द्वितीयक तरंग उत्पन्न हो सकती है, जिसे निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है:

ωᵢ = ωₚ − ωₛ ..(1)

इसे ‘आइडलर’ (idler) आवृत्ति कहा जाता है। इस आवृत्ति पर उत्पन्न क्षेत्र की तीव्रता इस प्रकार व्यक्त होती है:

Eₚ × Eₛ = Eᵢ  ..(2)

जैसा कि समीकरण (Optical mixing के समीकरण 4) द्वारा दिए या गया है।

माध्यम के अरैखिक गुणों के कारण आगे और मिश्रण (mixing) सम्भव है। विशेषतः, आइडलर आवृत्ति पर दोलन करने वाले ध्रुवीकरण घटक द्वारा उत्पन्न क्षेत्र और मूल पंप क्षेत्र का मिश्रण, सिग्नल क्षेत्र में पुनः योगदान देगा। इस प्रकार:

ωₚ − ωᵢ = ωₛ

क्योंकि

ωₚ − (ωₚ − ωₛ) = ωₛ   ..(3)

इस योगदान की तीव्रता इस प्रकार होगी:

Eₚ × Eᵢ = E²ₚ × Eₛ   ..(4)

जहाँ समीकरण (2) का उपयोग किया गया है। यह दर्शाता है कि यह तीव्रता Eₛ के अनुपाती है, जो परिमापिक प्रवर्धन (parametric amplification) की सामान्य आवश्यकता के अनुरूप है।

इस प्रकार, पंपिंग तरंग की ऊर्जा का एक भाग खर्च करके ωₛ और ωᵢ आवृत्तियों पर द्वितीयक प्रकाश तरंगों को परिमापिक रूप से उत्पन्न किया जा सकता है। परिमापिक सृजन की प्रक्रिया को आरंभ करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक संकेत (initial signals) किसी भी क्रिस्टल में स्वाभाविक रूप से उपस्थित सहज फोटॉनों (spontaneous photons) के रूप में उपलब्ध रहते हैं।

लेख से संबंधित एवं आवश्यक विषय 


1. अरेखीय प्रकाशिकी एवं सन्नादी सृजन | Non-Linear optics and Harmonic Generation (हिंदी) 2. द्वितीय एवं तृतीय सन्नादी सृजन | 2nd and 3rd Harmonic Generation (हिंदी) 3. प्रकाशीय सम्मिश्रण | Optical Mixing of Light (हिंदी) 4. प्रकाश का स्व-केन्द्रण | Self Focusing of Light (हिंदी)

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